रविवार की सुबह-सुबह बदल गए पेट्रोल-डीजल की कीमत, जानें अपने शहर का हाल Petrol Diese price

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Petrol Diese price: हर सुबह 6 बजे, तेल विपणन कंपनियाँ (OMC) पेट्रोल और डीजल की नई कीमतों की घोषणा करती हैं। यह प्रक्रिया वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी मुद्रा विनिमय दर में उतार-चढ़ाव के आधार पर की जाती है। इस तरह की दैनिक समायोजन प्रणाली बाजार की स्थितियों के अनुसार ईंधन की कीमतों को नियंत्रित रखने में मदद करती है।

ईंधन के दाम को क्या प्रभावित करता है

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कई कारकों से प्रभावित होती हैं:

1. कच्चे तेल की कीमत: यह सबसे महत्वपूर्ण कारक है, क्योंकि कच्चा तेल ईंधन उत्पादन का मुख्य कच्चा माल है।

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2. विदेशी मुद्रा विनिमय दर: भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के बीच का विनिमय दर ईंधन की कीमतों को प्रभावित करता है, क्योंकि भारत कच्चे तेल का एक बड़ा आयातक है।

3. कर: केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल पर विभिन्न कर लगाती हैं, जो अंतिम कीमत को बढ़ाते हैं।

4. परिवहन लागत: ईंधन को रिफाइनरी से पेट्रोल पंप तक पहुंचाने की लागत भी कीमतों को प्रभावित करती है।

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5. डीलर कमीशन: पेट्रोल पंप संचालकों को दिया जाने वाला कमीशन भी कीमत में जोड़ा जाता है।

विभिन्न शहरों में ईंधन की कीमतें

भारत के विभिन्न शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अलग-अलग होती हैं। उदाहरण के लिए:

  • दिल्ली: पेट्रोल 94.72 रुपये/लीटर, डीजल 87.62 रुपये/लीटर
  • मुंबई: पेट्रोल 103.44 रुपये/लीटर, डीजल 89.97 रुपये/लीटर
  • चेन्नई: पेट्रोल 100.85 रुपये/लीटर, डीजल 92.44 रुपये/लीटर
  • कोलकाता: पेट्रोल 103.94 रुपये/लीटर, डीजल 90.76 रुपये/लीटर

ये अंतर मुख्य रूप से राज्य-स्तरीय करों और परिवहन लागतों के कारण होते हैं।

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सरकारी नियंत्रण और नीतियां

भारत सरकार ईंधन की कीमतों पर नज़र रखती है और उन्हें नियंत्रित करने के लिए विभिन्न उपाय करती है:

1. उत्पाद शुल्क: सरकार उत्पाद शुल्क को समायोजित करके कीमतों को नियंत्रित कर सकती है।

2. मूल्य निर्धारण नीति: सरकार ने मई 2022 से ईंधन की कीमतों को स्थिर रखने के लिए कदम उठाए हैं।

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3. कर कटौती: केंद्र और कई राज्य सरकारों ने ईंधन पर करों में कटौती की है ताकि उपभोक्ताओं पर बोझ कम हो।

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों का निर्धारण एक जटिल प्रक्रिया है जो वैश्विक और स्थानीय कारकों से प्रभावित होती है। दैनिक मूल्य समायोजन, सरकारी नीतियां और विभिन्न कर इस प्रक्रिया को और भी जटिल बनाते हैं। उपभोक्ताओं और नीति निर्माताओं दोनों के लिए इन कारकों को समझना महत्वपूर्ण है, क्योंकि ईंधन की कीमतें देश की अर्थव्यवस्था और लोगों के दैनिक जीवन पर गहरा प्रभाव डालती हैं।

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