PF News: श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के लिए वर्तमान वेज सीलिंग को 15,000 रुपए से बढ़ाकर 25,000 रुपए प्रति माह करने की योजना है। यह कदम देश के करोड़ों कर्मचारियों के लिए लाभदायक हो सकता है।
प्रस्तावित बदलाव का महत्व
यह बदलाव कई मायनों में कर्मचारियों के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है। वेज सीलिंग बढ़ने से कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड में योगदान बढ़ेगा, जो उनकी दीर्घकालिक बचत को बढ़ावा देगा। साथ ही, यह कदम सरकार की सामाजिक सुरक्षा के दायरे को विस्तारित करने की मंशा को भी दर्शाता है।
वेज सीलिंग
EPF की वेज सीलिंग में समय-समय पर बदलाव होता रहा है। 1952 में यह सीमा मात्र 300 रुपए थी, जो धीरे-धीरे बढ़कर सितंबर 2014 से 15,000 रुपए हो गई। अब इसे 25,000 रुपए तक बढ़ाने का प्रस्ताव है, जो पिछले कई वर्षों में सबसे बड़ा बदलाव होगा।
EPF योगदान की वर्तमान व्यवस्था
वर्तमान नियमों के अनुसार, कर्मचारी और नियोक्ता दोनों अपनी बेसिक सैलरी का 12-12 प्रतिशत EPF खाते में जमा करते हैं। कर्मचारी का पूरा योगदान प्रोविडेंट फंड खाते में जाता है, जबकि नियोक्ता के योगदान का 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में और शेष 3.67 प्रतिशत प्रोविडेंट फंड खाते में जमा होता है।
प्रस्तावित बदलाव का प्रभाव
वेज सीलिंग बढ़ने से अधिक कर्मचारी EPF के दायरे में आएंगे। इससे उनकी सामाजिक सुरक्षा मजबूत होगी और सेवानिवृत्ति के बाद के जीवन के लिए बेहतर वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। साथ ही, यह कदम औपचारिक क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा दे सकता है।
प्रस्तावित वेज सीलिंग वृद्धि कर्मचारियों के लिए एक स्वागत योग्य कदम है। यह न केवल उनकी वर्तमान बचत बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य की आर्थिक सुरक्षा को भी मजबूत करेगा। हालांकि, इस प्रस्ताव को अभी सरकार की मंजूरी मिलनी बाकी है। अगर यह लागू होता है, तो यह भारत के श्रम बाजार और सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा।
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