Gold Prices: चीन की वजह से सस्ता हुआ सोना, एक दिन में इतना कम हो गया भाव

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Gold Prices: पिछले कुछ महीनों से, सोना और चांदी निवेशकों के बीच सबसे पसंदीदा विकल्प बने हुए थे। दुनिया भर में फैली आर्थिक अस्थिरता, राजनीतिक तनाव और युद्ध की आशंकाओं ने लोगों को सुरक्षित निवेश की ओर धकेला। इसी कड़ी में, कई देशों के केंद्रीय बैंक, विशेषकर चीन, ने अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ाना शुरू किया। चीन लगातार 18 महीनों तक सोना खरीदता रहा, जिसने सोने की कीमतों को पंख लगा दिए।

चीन की रणनीति में बदलाव

मगर, इस तस्वीर में अचानक बदलाव आया। चीन के केंद्रीय बैंक ने मई में सोने की खरीद पर रोक लगा दी। यह कदम बाजार के लिए एक बड़ा झटका था। चीन जैसे बड़े खरीदार का हटना सोने की कीमतों में गिरावट का कारण बना। शुक्रवार को इंटरनेशनल मार्केट में सोने की कीमतों में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई। बेंचमार्क गोल्ड की वायदा कीमतें 2,332.85 डॉलर प्रति औंस पर आ गईं।

भारतीय बाजार पर असर

इस गिरावट का असर भारतीय बाजार पर भी देखा गया। एमसीएक्स एक्सचेंज (MCX Exchange) पर सोने की कीमत में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई, और यह 73,131 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास कारोबार कर रहा था। यह गिरावट सिर्फ चीन की रणनीति में बदलाव का ही नतीजा नहीं थी, बल्कि अमेरिका में उम्मीद से ज्यादा नौकरियां बढ़ने का भी असर था।

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सोने का दीर्घकालिक आकर्षण

हालांकि, सोने की कीमतों में यह गिरावट अल्पकालिक मानी जा रही है। सोना लंबे समय से एक सुरक्षित और आकर्षक निवेश विकल्प रहा है। इस साल अब तक, सोने की कीमतें लगभग 15 फीसदी बढ़ चुकी हैं। इसकी मुख्य वजह है इसकी सीमित आपूर्ति और बढ़ती मांग। सोना एक दुर्लभ धातु है, जिसकी खनन और उत्पादन की सीमाएं हैं। इसके अलावा, दुनिया भर में चल रहे संघर्ष और आर्थिक अनिश्चितताएं इसकी मांग को बढ़ाते हैं।

भविष्य की संभावनाएं

विशेषज्ञों का मानना है कि 2024 में सोना वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council) के अनुमान से कहीं अधिक मजबूत रिटर्न दे सकता है। चीन की हालिया रणनीति का प्रभाव अस्थायी हो सकता है, क्योंकि दुनिया भर के अन्य केंद्रीय बैंक और निवेशक अभी भी सोने को एक सुरक्षित निवेश मानते हैं।

सोने की कीमतों में आई यह गिरावट एक सुनहरा अवसर हो सकता है उन निवेशकों के लिए जो लंबे समय तक सोने में निवेश करना चाहते हैं। हालांकि, किसी भी निवेश में जोखिम होता है, और सोना इसका अपवाद नहीं है। फिर भी, इसका दीर्घकालिक आकर्षण, विशेषकर अस्थिर समय में, बरकरार रहने की संभावना है। इसलिए, सोने की चमक में आई यह मंदी शायद एक छोटा सा बादल है जो जल्द ही छंट जाएगा।

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