मजदूर ने लोन लेकर पत्नी के साथ शुरू किया ये धंधा, अब हो रही तगड़ी कमाई Business Ideas

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Business Ideas: एक पुरानी कहावत है – “एक से भले दो”। यह कहावत बिहार के बांका जिले के अमरपुर प्रखंड के मोजाहिदपुर गांव के निवासी अमर कुमार और उनकी पत्नी के जीवन में सच साबित हुई है। पति-पत्नी ने मिलकर एक सफल व्यवसाय खड़ा किया है, जो न केवल उनके लिए आय का एक अच्छा स्रोत बन गया है, बल्कि स्थानीय लोगों को भी गुणवत्तापूर्ण उत्पाद प्रदान कर रहा है।

शिक्षा और संघर्ष का समय

अमर कुमार ने नौवीं कक्षा तक पढ़ाई की। उसके बाद रोजगार की तलाश में उन्हें घर से दूर जाना पड़ा। कई वर्षों तक वे घर से दूर रहकर काम करते रहे। शादी के बाद वे अपने गांव लौट आए और यहीं मजदूरी करने लगे।

व्यवसाय की शुरुआत

एक दिन अमर ने अपनी पत्नी से पूछा कि क्या वह घर का काम पूरा करने के बाद आटा चक्की चला सकती है। पत्नी की सकारात्मक प्रतिक्रिया ने उन्हें एक छोटा व्यवसाय शुरू करने का साहस दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 10 लाख रुपये का लोन लिया। इस पैसे से उन्होंने ऑटोमेटिक आटा चक्की, रोस्टर, पैकिंग और सिलाई मशीन खरीदी।

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उत्पादन और बिक्री

अमर और उनकी पत्नी ने मिलकर एक टीम बनाई। पत्नी मिल चलाती हैं, जबकि अमर बाजार में घूम-घूमकर उत्पादों की बिक्री करते हैं। वे आटा, सत्तू और बेसन तैयार करते हैं और इनकी पैकेजिंग करके स्थानीय बाजार में बेचते हैं।

गुणवत्ता पर ध्यान

अमर स्थानीय किसानों से गेहूं और चना खरीदते हैं। वे शुद्ध आटा, सत्तू और बेसन तैयार करते हैं, जिसमें किसी प्रकार का मिलावट नहीं होता। उन्होंने अपने उत्पादों की ब्रांडिंग भी की है। वे “एसआर” नाम से 5 किलो और 25 किलो के आटे के पैकेट बेचते हैं।

कीमत और पैकेजिंग

5 किलो आटे की कीमत 165 रुपये है, जबकि 25 किलो आटे की कीमत 750 रुपये है। सत्तू और बेसन के 200 ग्राम और 500 ग्राम के पैक भी बनाए जाते हैं। इन उत्पादों की बाजार में अच्छी मांग है।

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आर्थिक सफलता

अमर और उनकी पत्नी की मेहनत रंग लाई है। उनका व्यवसाय अब अच्छी तरह से चल रहा है। वे इस व्यवसाय से सालाना लगभग 10 लाख रुपये की आमदनी कर लेते हैं।

अमर कुमार और उनकी पत्नी की कहानी दर्शाती है कि मेहनत, लगन और सहयोग से कैसे सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने न केवल अपने लिए एक सफल व्यवसाय खड़ा किया, बल्कि अपने क्षेत्र के लोगों को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद भी उपलब्ध कराया। यह कहानी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है कि वे भी अपने छोटे-छोटे विचारों को बड़े सपनों में बदल सकते हैं।

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