Gold Silver Rate: सोने और चांदी की कीमतों में शुक्रवार को तेजी देखने को मिली। दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने और चांदी दोनों के भाव में बढ़ोतरी हुई। आइए जानते हैं इस बदलाव के पीछे क्या कारण हैं और यह आपको कैसे प्रभावित कर सकता है।
सोने की कीमत में वृद्धि
दिल्ली सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोने का भाव 370 रुपये बढ़कर 72,550 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। गुरुवार को यह 72,180 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। यह वृद्धि पिछले तीन दिनों में पहली बार देखी गई है।
चांदी की कीमत में उछाल
चांदी की कीमत में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। शुक्रवार को चांदी 600 रुपये बढ़कर 91,200 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। पिछले दिन यह 90,600 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का प्रभाव
विदेशी बाजारों में भी सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखी गई। कॉमेक्स पर सोने का हाजिर भाव 17 डॉलर बढ़कर 2,322 डॉलर प्रति औंस हो गया। वहीं चांदी की कीमत 29.20 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई।
कीमतों में वृद्धि के कारण
1. अमेरिकी श्रम बाजार में कमजोरी: हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिकी श्रम बाजार महामारी के बाद की तुलना में कमजोर हुआ है।
2. ब्याज दरों में कटौती की संभावना: कमजोर श्रम बाजार के आंकड़े फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना को बढ़ाते हैं।
3. मुद्रास्फीति की चिंता: बाजार में मुद्रास्फीति को लेकर चिंता बनी हुई है, जो कीमती धातुओं की मांग को प्रभावित कर रही है।
4. मजबूत अमेरिकी डॉलर: डॉलर की मजबूती भी सोने और चांदी की कीमतों को प्रभावित कर रही है।
विश्लेषकों का मानना है कि अल्पावधि में सोने और चांदी की कीमतों में मंदी का रुख बना रह सकता है। निवेशकों और व्यापारियों की नजर अब अमेरिकी पर्सनल कंजम्पशन एक्सपेंडिचर (पीसीई) इन्फ्लेशन डेटा पर टिकी है, जो शुक्रवार को जारी होना है। यह डेटा फेडरल रिजर्व की मुद्रास्फीति को मापने का पसंदीदा उपकरण है और इससे आगे की कीमतों का रुख तय हो सकता है।
निवेशकों के लिए सुझाव
1. बाजार की गतिविधियों पर नजर रखें: सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।
2. दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाएं: अल्पावधि में मंदी की संभावना के बावजूद, कीमती धातुएं लंबी अवधि में एक सुरक्षित निवेश विकल्प बनी रहती हैं।
3. विविधीकरण पर ध्यान दें: अपने निवेश पोर्टफोलियो को संतुलित रखने के लिए विभिन्न संपत्ति वर्गों में निवेश करें।
4. विशेषज्ञों की सलाह लें: निवेश निर्णय लेने से पहले वित्तीय सलाहकारों से परामर्श करें।
सोने और चांदी की कीमतों में हाल की तेजी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और मौद्रिक नीतियों के प्रति बाजार की प्रतिक्रिया को दर्शाती है। निवेशकों को सतर्क रहने और बाजार की गतिविधियों पर करीबी नजर रखने की आवश्यकता है। आने वाले दिनों में जारी होने वाले आर्थिक आंकड़े कीमती धातुओं की कीमतों के भविष्य के रुख को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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