EPS 95 pension: 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले, भगत सिंह कोश्यारी की अध्यक्षता वाली एक कमेटी ने संसद को एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में EPS-95 (कर्मचारी पेंशन योजना 1995) के पेंशनभोगियों के लिए कई महत्वपूर्ण सिफारिशें थीं। भाजपा के नेता प्रकाश जावड़ेकर ने वादा किया था कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो वे 90 दिनों के भीतर इन सभी सिफारिशों को लागू करेंगे।
वादों का अधूरा रहना
2014 में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई, लेकिन 2024 तक आते-आते स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया। केंद्र सरकार अभी तक पेंशनभोगियों को दिए गए वादों को पूरा नहीं कर पाई है। यह स्पष्ट है कि सरकार का मुख्य उद्देश्य केवल सत्ता में आना था, न कि पेंशनभोगियों की समस्याओं का समाधान करना।
कोश्यारी कमेटी की प्रमुख सिफारिशें
निवृत्त कर्मचारी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनिल बाजपेई के अनुसार, कोश्यारी कमेटी ने 2013 में कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशें की थीं:
1. न्यूनतम पेंशन 3000 रुपये प्रति माह करना
2. महंगाई भत्ता देना
3. वारिसों को 100% पेंशन देना
4. मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान करना
लेकिन दुर्भाग्य से, इन सिफारिशों पर अभी तक अमल नहीं किया गया है। वर्तमान में न्यूनतम पेंशन मात्र 1000 रुपये प्रतिमाह है।
पेंशनभोगियों का निरंतर संघर्ष
पिछले 10 वर्षों से, पेंशनभोगी संगठनों के प्रतिनिधि दिल्ली के जंतर-मंतर पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन EPFO और श्रम मंत्रालय की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इससे पेंशनभोगियों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
चुनावी प्रभाव और पेंशनभोगियों की मांग
महाराष्ट्र के कर्मचारी नेता विजय कदम का कहना है कि पेंशनभोगी संगठनों ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को वोट न देने का फैसला किया था। उनका मानना है कि इसी कारण मोदी सरकार को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। वे मांग कर रहे हैं कि सरकार तुरंत उनकी मांगों को पूरा करे और आदेश जारी करे।
पेंशनभोगियों की वर्तमान स्थिति और अपेक्षाएं
कई पेंशनभोगियों का मानना है कि EPS-95 में हायर पेंशन की व्यवस्था उनके साथ धोखाधड़ी है। वे चाहते हैं कि सभी EPS-95 सदस्यों को 7500 रुपये + महंगाई भत्ता + निःशुल्क चिकित्सा सुविधा के रूप में न्यूनतम पेंशन मिले। कुछ का कहना है कि उनकी स्थिति सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत मिलने वाली 3000 रुपये की मासिक पेंशन से भी खराब है।
22 जून को भोपाल में एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है, जिसमें देशभर के पेंशनभोगी संगठनों के नेता भाग लेंगे। इस बैठक में कोश्यारी कमेटी की सिफारिशों को लागू करवाने की रणनीति पर चर्चा होगी। नई लोकसभा का सत्र जल्द ही शुरू होने वाला है, और पेंशनभोगी इस मुद्दे को संसद में उठाने की योजना बना रहे हैं।
इस प्रकार, EPS-95 पेंशनभोगियों का संघर्ष जारी है। वे अपने अधिकारों और बेहतर जीवन स्तर के लिए लड़ रहे हैं, और उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार जल्द ही उनकी मांगों पर ध्यान देगी और उचित कार्रवाई करेगी।
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