Ration Card: मोदी सरकार ने गरीबों को राहत देने के लिए राशन कार्ड को आधार से जोड़ने की अंतिम तिथि को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है। यह कदम सरकार द्वारी राशन वितरण प्रणाली में होने वाली अनियमितताओं और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, जो भारत में चल रही है
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) भारत सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू की गई खाद्य सुरक्षा योजना है। इस योजना के अंतर्गत, गरीब और निम्न आय वाले परिवारों को कम कीमत पर अनाज प्रदान किया जाता है। पात्र परिवारों को हर महीने 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त में वितरित किया जाता है।
गरीबों के राशन कार्ड अब आधार से जुड़ेंगे
सरकार को पता चला है कि कुछ लोग एक से अधिक राशन कार्ड बनाकर अलग-अलग जगहों से मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे हैं। इसके अलावा कई मृतक लोगों के राशन कार्ड पर भी राशन का लाभ लिया जा रहा है। इसलिए सरकार ने राशन कार्ड को आधार से जोड़ने का फैसला किया है ताकि ऐसी अनियमितताओं पर अंकुश लगाया जा सके।
आधार-राशन कार्ड लिंक करने की अंतिम तिथि बढ़ी
इससे पहले राशन कार्ड और आधार को जोड़ने की अंतिम तिथि 30 जून 2024 थी। लेकिन अब सरकार ने इसे तीन महीने और बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया है। इस अवधि के दौरान पात्र लाभार्थी राशन का लाभ लेते रह सकेंगे।
जोड़ने की प्रक्रिया आसान है
राशन कार्ड और आधार को जोड़ने की प्रक्रिया बहुत आसान है। इसके लिए लाभार्थी को अपना राशन कार्ड नंबर, आधार कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर राशन डीलर को देना होगा। डीलर इन विवरणों को पोर्टल पर अपलोड करेगा और दोनों दस्तावेज़ जुड़ जाएंगे।
कितनी बार बढ़ी है अंतिम तिथि?
राशन कार्ड को आधार से जोड़ने की अंतिम तिथि पहले भी कई बार बढ़ाई जा चुकी है। यह समय-समय पर देश के विभिन्न हिस्सों में बैठे लाभार्थियों की सुविधा के लिए किया गया है। लेकिन इस बार यह स्पष्ट संकेत है कि 30 सितंबर के बाद जो भी लाभार्थी अपना राशन कार्ड आधार से नहीं जोड़ेगा, उसे राशन और फ्री गेहूं/चावल का लाभ नहीं मिलेगा।
लाभार्थियों को मिलेंगे ये फायदे
– अवैध रूप से एक से अधिक राशन कार्ड रखने वालों पर अंकुश लगेगा
– मृतकों के राशन कार्ड का दुरुपयोग रुकेगा
– सभी जरूरतमंदों को उनका हिस्सा खाद्यान्न मिल सकेगा
– पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी
– राशन वितरण में होने वाला भ्रष्टाचार रुकेगा
सरकार की यह पहल न केवल गरीब परिवारों को लाभ पहुंचाएगी बल्कि राशन वितरण प्रणाली को भी सुव्यवस्थित और भ्रष्टाचार मुक्त बनाएगी। हालांकि, इस नए नियम का सफल क्रियान्वयन राज्य सरकारों और राशन डीलरों की भागीदारी पर निर्भर करेगा। इस कदम से हजारों गरीब परिवारों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
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