PM Kusum yojana: प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना किसानों को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नए अवसर प्रदान कर रही है। इस योजना के तहत, किसानों को अपनी जमीन पर सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। आइए इस योजना के विभिन्न पहलुओं पर एक नज़र डालें।
बैंकों की सहभागिता
बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस की पहल पर, विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कई प्रमुख बैंकों जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा आदि के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैंकों ने किसानों को सोलर प्लांट लगाने के लिए ऋण देने पर सहमति जताई है। यह कदम किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में मददगार साबित होगा।
योजना का महत्व और लाभ
संजीव हंस ने इस योजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पहल न केवल किसानों के लिए, बल्कि पूरे राज्य के ऊर्जा क्षेत्र के लिए लाभदायक होगी। किसान अपनी जमीन पर सोलर पावर प्लांट लगाकर न केवल अपनी आय बढ़ा सकेंगे, बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा में भी योगदान दे सकेंगे।
सरकारी अनुदान
इस योजना के तहत किसानों को सरकार की ओर से भी महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता मिलेगी। केंद्र सरकार प्रति मेगावाट 1.05 करोड़ रुपए की अनुदान राशि प्रदान करेगी, जबकि राज्य सरकार प्रति मेगावाट 45 लाख रुपए का अनुदान देगी। यह अनुदान किसानों के लिए सोलर प्लांट लगाने में एक बड़ा प्रोत्साहन होगा।
बैंकों की तत्परता
बैठक में शामिल सभी बैंकों के प्रतिनिधियों ने इस परियोजना के लिए ऋण उपलब्ध कराने से संबंधित अपने पदाधिकारियों के संपर्क विवरण भी बिजली कंपनी को उपलब्ध कराए हैं। यह कदम किसानों के लिए ऋण प्रक्रिया को सरल और तेज बनाने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना किसानों को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नए अवसर प्रदान कर रही है। यह योजना न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। बैंकों की सक्रिय भागीदारी और सरकारी अनुदान के साथ, यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के विकास को नई गति प्रदान करेगी। आने वाले समय में, इस तरह की पहलों से भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा जा सकता है, जो देश को स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा की ओर ले जाएगा।
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