Pole-DP subsidy: सरकार द्वारा समय-समय पर कानूनों में संशोधन किए जाते हैं ताकि नागरिकों को अधिक लाभ मिल सके। विद्युत अधिनियम 2003 भी ऐसा ही एक कानून है, जिसमें किसानों के हितों की रक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। आइए जानें इस अधिनियम के तहत किसानों के कुछ महत्वपूर्ण अधिकारों के बारे में।
भूमि पर बिजली के खंभे और लाइनें
अगर आपकी कृषि भूमि से बिजली के खंभे या लाइनें गुजरती हैं, तो आप कुछ विशेष लाभों और मुआवजे के हकदार हैं। हालांकि, कई किसान इन प्रावधानों से अनजान होते हैं और अपने अधिकारों का लाभ नहीं उठा पाते।
नए बिजली कनेक्शन का प्रावधान
किसानों के लिए नए बिजली कनेक्शन का विशेष प्रावधान है। अगर आप नए कनेक्शन के लिए आवेदन करते हैं, तो बिजली कंपनी को 30 दिनों के भीतर यह कनेक्शन देना होगा। अगर इसमें देरी होती है, तो आपको प्रति सप्ताह 100 रुपये का मुआवजा मिलेगा।
ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत
आपके क्षेत्र का ट्रांसफॉर्मर खराब होने पर बिजली कंपनी को 48 घंटों के अंदर इसे ठीक करना होगा। अगर ऐसा नहीं होता, तो आप 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजे की मांग कर सकते हैं।
अतिरिक्त मीटर का विकल्प
आप अपने खेत में कंपनी के मीटर के अलावा अपना अलग मीटर भी लगा सकते हैं। इस स्थिति में, दोनों मीटरों को जोड़ने का खर्च बिजली कंपनी को उठाना होगा।
जमीन किराया का प्रावधान
अगर आपकी जमीन पर बिजली के खंभे, तार या ट्रांसफॉर्मर लगाए जाते हैं, तो बिजली कंपनी को आपको सालाना किराया देना होगा। यह किराया 2 रुपये से लेकर 5000 रुपये प्रति एकड़ तक हो सकता है। हालांकि, अगर आपने अनापत्ति प्रमाणपत्र दे दिया है, तो किराया नहीं मिलेगा।
अपील का अधिकार
अगर बिजली कंपनी आपके किसी अधिकार को मानने से इनकार करती है, तो आप कानून के तहत अपीलीय प्राधिकरण में अपील कर सकते हैं।
विद्युत अधिनियम 2003 के ये प्रावधान किसानों के हितों की रक्षा करते हुए सार्वजनिक बिजली आपूर्ति की जरूरतों को पूरा करने का प्रयास करते हैं। इन अधिकारों की जानकारी होने से आप उचित मुआवजा और लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप सरकारी वेबसाइटों पर उपलब्ध विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 67 को पढ़ सकते हैं।
किसानों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने अधिकारों के बारे में जागरूक रहें और आवश्यकता पड़ने पर इनका उपयोग करें। इससे न केवल उन्हें व्यक्तिगत लाभ होगा, बल्कि समग्र रूप से कृषि क्षेत्र को भी फायदा पहुंचेगा। साथ ही, यह सुनिश्चित करेगा कि बिजली कंपनियां किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए अपना काम करें।
अस्वीकरण: हमारी वेबसाइट पर दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और इंटरनेट पर उपलब्ध स्रोतों से एकत्रित की गई है। हम किसी भी राय या दावे का समर्थन नहीं करते हैं। जानकारी की सटीकता के लिए स्वतंत्र रूप से सत्यापन करें।